लक्ष्य पूरा हुआ, भविष्य की चुनोतियों के लिए मजबूती से तैयार :भारतीय सेना

नई दिल्ली ,भारतीय सेनाओ ने तुलसीदासजी द्वारा रचित रामचरित मानस की ‘भय बिनु होई न प्रीति’ और राष्ट्र कवी रामधारी सिंह दिनकर की ‘जब नास मनुज पर छाता है, पहले विवेक मर जाता है’ पंक्तियों के जरिये पाकिस्तान को करारा सन्देश दिया । नूर खान और रहीमयार खान एयरबेस सहित पाकिस्तान के कोने-कोने में मचाई तबाही के विडियो दिखाकर सेना ने  सबूत भी दिए । तीनों सेनाओ के डीजीएमओ के बिच बातचीत से पहले एयर मार्शल एके भारती, वाईस एडमिरल एएन प्रमोद और मेजर जनरल एसएस शारदा ने पाकिस्तान को दोटूक सन्देश देते हुए कहा- हम जब चाहे जहा चाहे हमला कर सकते है। एयर मार्सल एके भारती ने कहा की ‘में बहुत स्पष्ट शब्दों में कहना चाहता हूँ की हमारे सभी सैन्य अड्डे उपकरण और प्रणालिया चालू है और आवस्यकता पड़ने पर अपने अगले मिशन के लिए तैयार और तत्पर है ‘। उन्होंने कहा यह दुसरे तरह का वॉर था और ऐसा होना ही था । अगली जब भी लड़ाई होगी, भगवान करे लड़ाई ना हो, लेकिन हुई तो पिछली की तरह नहीं होगी। हर एक लड़ाई एक अलग तरह से लड़ी जाती है ….।

लेफ्टिनेट जनरल घई ने विराट कोहली के टेस्ट क्रिकेट के सन्यास का सन्दर्भ देते हुए क्रिकेट के उदाहरण से भारत के वायु रक्षा ग्रिड को समझाया। बताया की 70 के दशक में एशेज सीरिज में ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाजों और जैफ थामसन और डेनिस लिली ने इंग्लेंड की बैटिंग लाइन-अप को तहस-नहस कर दिया था । उस समय कहावत बनी, ‘फ्रॉम एसेज टू एसेज एंड फ्रॉम डस्ट टू डस्ट,  इफ थॉमस डोन्ट गैट हियर,दैन लिली श्योरली मस्ट’। इससे समझें की दुश्मन एक सिस्टम को पार कर भी गया तो फिर भी टारगेट तक पहोंचने से पहले कोई न कोई लेयर ग्रिड को सिस्टम गिरा देगा । यही वजह है की पाकिस्तान की एयरफील्ड की दुर्दशा  हमने देखि है, हमारी सभी एयर फिल्ड काम कर रही है ।  एयर मार्शल ने भी साफ किया की भारत के सभी सैन्य प्रतिष्ठान, बेस,उपकरण व सिस्टम पूरी तरह से काम कर रहे है और जरुरत होने पर अगले किसी भी मिशन को शुरू कर सकते है ।

डीजएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा की पिछले कुछ सालों में आतंकी गतिविधियों के चरित्र में बदलाव आरहा था,अब हमारी हमारी सेना के साथ साथ निर्दोष लोगों पर भी हमला हो रहा था । 2024 में सिवा खेडी मंदिर की और जाने वाले तीर्थ यात्री और इस साल अप्रैल में मासूम पर्यटक । पहलगाम तक उनका पाप का गडा भर चूका था । आतंकियों पर हमारे सटीक हमले नियंत्रण रेखा और अंतररास्ट्रीय सीमा को पार किये बगैर किये गए थे । हमें  पूरा अंदेशा था की पाकिस्तान का हमला भी सीमा पर से हि होगा, इसलिए  हमने एयर डिफेंस तैयारी की थी । जब 9-10 मई को पाकिस्तान की वायुसेना ने हमारे एयर फिल्ड और लोजिस्टिक इन्सटोलेसन पर हमला किया,तो वे इस मजबूत एयर डिफेन्स ग्रिड के सामने विफल हुए ….।

भारतीय सेना  ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानो को निशाना बनाने के साथ वहा वहां के सैन्य ठिकानो को भारी नुकसान पहुचाया । अपने सैन्य ठिकानो की सुरक्षा की चिंता के कारण पाकिस्तान को भारत के सामने घुटने टेकने पड़े ।  लेकिन इसके बाद दुनिया के सामने बड़ा सवाल उठ खड़ा हुआ की क्या पाकिस्तान अपने परमाणु हथियारों की सुरक्षा करने में स्वयं सक्षम है ? पाकिस्तान में आतंकियों को पनाह देने के  इतिहास के चलते अमेरिका समेत कई देशों की एक चिंता पाक के परमाणु हथियार किसी गलत हाथों में नहीं चले जाये वही दूसरी उनके परमाणु ठिकानो की सुरक्षा की क्षमता पर भी सवाल खड़े हो रहे है

दरसल,भारतीय सेना ने पाक अधिकृत कश्मीर के साथ पाकिस्तान के अन्दर  सेकड़ो किलोमीटर अन्दर घुसकर हमला किया एयर बेसो को जमकर नुकसान पहुचाया । खासतोर से पाकिस्तान के नूरखान, रफिकी,मुरीद,सुक्कर,सियालकोट एयरबेस को हुए खास नुकसान से पाकिस्तान के रक्षा तंत्र की पोल खुल कर दुनिया के सामने आगे ।  नूर खान जैसे कुछ एयरबेस सैन्य परिवहन और एयर रिफ्यूलिंग के लिए महत्वपूर्ण है ।  यहाँ से यही से पाकिस्तान की परमाणु हथियारों की सुरक्षा और संचालन का तंत्र भी बताया जाता रहा है । सुक्कुर एयरबेस परमाणु गोदामों के दायरे में आता है ।

भारत  के एयर मार्शल ए.के. भारती ने पत्रकार वार्ता के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा की ‘हमें यह बताने के लिए धन्यवाद की पाकिस्तान ने अपने परमाणु हथियार किराना हिल्स पर जमा किये है ।  हमने किराना हिल्स पर हमला नहीं किया । यह उन लक्षों की सूचि में नहीं था, जिनके बारे में हमने आपको बताया था ।

 

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