अमेरिका का सपना अब ‘गोल्डन डोम’ बनाना, ड्रोन से लेकर मिसाइल तक के हमलो से मिलेगी सुरक्षा

वाशिंगटन. अमरीका पहली बार अंतरिक्ष में ‘गोल्डन डोम मिसाइल शील्ड’ तैनात करेगा । ट्रम्प सरकारने इसे अगली पीडी की सुरक्षा बताया । राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने इस प्रोजेक्ट का डिजाइन चयनित कर लिया है । मिसाइल सिफेंस और स्पेस सिस्टम्स के विशेषज्ञ यूएस स्पेस फ़ोर्स के जनरल माइकल गेटलेन इस परियोजना का नेतृत्व करेंगे रिपोर्ट के अनुसार यह एक बहुत उन्नत मिसाइल डिफेन्स सिस्टम होता है जो अंतरिक्ष और जमीन दोनों पर काम कर सकेगा । यह बैलेस्टिक,क्रूज,हाइपरसोनिक मिसाइलो और ड्रोन हमलो को उनके उडान के किसी भी चरण में रोकने में सक्षम होगा, चाहे हमला अंतरिक्ष से हो या धरती से । अमेरिका के द्वारा बनाये जा रहे इस डिफेन्स सिस्टम का नाम इजराइल के ‘आयरन ड्रोन’ सिस्टम से प्रेरित है । जो पिछले एक दशक में  हजारों रोकेट हमलो सफलतापूर्कोवक रोक चूका है ।

यह तकनीकें शामिल: जमीन,समुन्द्र व अन्तरिक्ष में फैले सेंसर व इंटरसेप्ट ( हमले को रोकने वाले हथियारों) पर आधारित होंगी । इसमें स्पेस-बेस्ड इंटरसेप्टर्स, अर्ली-वार्निंग सैटेलाइट्स, और एआई-ड्रिवन ट्रेकिंग सिस्टम सामिल हो सकते है ।

चीन के आगे निकलने का डर: रिपोर्ट के अनुसार चीन व रूस से संभावित खतरों को रोकने इस महत्वकांक्षी कार्यक्रम को डिजाइन किया गया है ।  कुछ रिपोर्ट में चीन के अमेरिका को टैकओवर करने की आशंका के चलते भी यह सिस्टम बनाने की बात कही गई है जबकि विशेषज्ञों के अनुसार ऐसा कोई तात्कालिक खतरा नहीं है ।

कब तक बनकर तैयार होने की संभावना है ?: अमरीकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के मुताबिक, यह सुरक्षा प्रणाली अगले तीन वर्ष में बन कर तैयार हो जाएगी यानी उनके मोजूदा कार्यकाल के अंत तक गोल्डन डोन मिसाइल सील्ड काम करना शुरू कर देगी ।

लागत कितनी है ? : ट्रंप का अनुमान 175 बिलियन डॉलर खर्च का है, जबकि कांग्रेस बजट ऑफिस इसे 500 बिलियन डॉलर मानता है । अभी 25 बिलियन डॉलर की शुरूआती फंडिंग घोषित की गई है ।

केवल अमरीका के लिए है ?  मूल रूप से यह अमरीका के लिए है लेकिन कनाडा भी इस कार्यक्रम में शामिल होने में रूचि दिखा रहा है, ताकि उसे भी मिसाइल सुरक्षा मिल सके ।

चीन और रूस क्यों कर रहे है विरोध ? : रूस और चीन ने इसे ‘अन्तरिक्ष को युद्ध क्षेत्र में बदलने’ बलि योजना कहा है उनका कहना है की यह वैश्विक सामरिक संतुलन को अस्थिर करेगा ।

अन्तरिक्ष में हथियार भेजने का क्या  जोखिम है ? : विशेषज्ञों का मानना है की इससे स्पेस-आर्म रेस (अन्तरिक्ष में हथियार की दौड़) शुरू हो सकती है और वैश्विक कुटनीतिक तनाव बढ़ सकता है ।

 

इस्लामाबाद. उधर पाकिस्तान में में पानी का संकट अब उग्र जन आक्रोश में बदल चूका है । सिंध प्रांत में विवादित नाहर परियोजना को लेकर विरोध प्रदर्शन अब हिंसक हो गए है । सिंध के गृह मंत्री जियाउल हसन लंजर के आवास के को भीड़ ने आग के हवाले कर दिया, दो ट्रेलर फूंक दिए गए और पुलिस पर गोलिया तक चली । पुलिस और प्रदर्शनकारियों की झड़प में दो लोगो की मोत हो गई  और एक डीएसपी समेत एक दर्जन से अधिक लोग घायल हुए है

पाकिस्तान पहले ही जल संकट से जूझ रहा है । सिंध में पहले ही पानी की भरी कमी है किसानो का कहना है की आईएमएफ के दबाव में फसलो के लिए न्यूमतम न्यूनतम समर्थन मूल्य बंद कर दिया गया है, जमीने छीन कर कोर्पोरेट खेती के लिए दी जा रही है और सेना भी कृषी क्षेत्र में मुनाफे के लिए दखल दे रही है । सिंध में जल संकट और हिंसा का सीधा कारण पाकिस्तान की आंतरिक जल निति है और कैंद पंजाब का पक्षता पूर्ण रवैया है ।

चौलिस्तान वाली नहर का मुद्दा पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेतृत्व वाली सिंध सरकार और केन्द्र की शहबाज सरकार के बिच विवाद का विषय बना हुआ है पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार चोलिस्तान रेगिस्तान की सिंचाई के लिए सिन्धु नदी पर छः नहरों के निर्माण की योजना बना रही थी, पर पीपीपी और सिंध प्रान्त के अन्य राजनितिक दल इसका विरोध कर रहे है । उनका आरोप है की इससे सिंध की खेती और पिने के पानी की स्थिति और ख़राब हो जाएगी सोशल मिडिया पर सामने आये विडिओ में प्रदर्शन कारियों को  एके-47 जैसे हथियारों के साथ सड़को पर घूमते देखा गया है ।

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